उद्यमिता की बात | एंटरप्योनोर और एंटरप्योनोरशिप है क्या | what is entrepreneurship 

 जब भी उद्यमिता की बात करते हैं तो एक प्रश्न आता है कि एंटरप्योनोर और एंटरप्योनोरशिप है क्या ? एंटरप्योनोर एक व्यक्ति है और एक व्यक्ति जब सक्सेसफुल एंटरप्योनोर बनता है तो उस पूरी प्रोसेस को एंटरप्योनोरशिप कहते हैं। 


जब भी एक व्यक्ति की परिकल्पना करते हैं तो बहुत सारे लोग उसके बारे में बहुत सारे गुण, बहुत सारी उसकी एक्टिविटी के बारे में विवरण देते हैं। इससे पता चलता है कि वह इसलिए सफल हुए क्योंकि वह बहुत ज्यादा मेहनती थे, वह सफल हुए क्योंकि उनके पास बहुत सारे संसाधन थे अब एक सवाल उठता है कि क्या हम एंटरप्योनोर बन सकते है कि नहीं, तो ऐसी स्थिति में हम लोगों को सिलेक्ट कर सकते हैं कि आप में यह पर्सनालिटी हैं आप बन सकते हैं आप में नहीं है आप भी नहीं बन सकते और एक और बात होती है लोग कहते हैं कि मेरे पास डिग्री नहीं है कोई स्कूल नहीं है तो क्या मैं बिजनेस शुरू कर पाऊंगा ऐसा नहीं है, आगे जब हम बात करेंगे तो इन सवालों के जवाब ढूंढ लेंगे।


 जब हम किसी व्यक्ति की बात करते हैं तो उसके कुछ ना कुछ हम के बारे में चरित्र के बारे में सोचते तो पिछले कुछ सालों में बहुत सारे उनके बारे में आपके सामने यहां पर आपके सामने लेकर के आया हूं और उसके अलावा बहुत सारे एचरवमेंट मोटिवेशन यह क्या होता है एक व्यक्ति की जो सोच होती है वह हमेशा कुछ अच्छा करना चाहता कुछ स्टैण्डर्ट सेट करना चाहता है इसका मतलब और जब भी बात करते हैं तो उसमें कहीं न कहीं जरूर आता है कि उसके बारे में पूरी जानकारी ना होना तो जहां पूरी जानकारी नहीं है इसका मतलब आप ले रहे हैं तो आता है नहीं करता है उसके बाद जो यह फुल होती है उसको कहना पड़ता है उसको बहुत सारी की आवश्यकता होती है उसके साथ जाना है उसको छोड़ना नहीं है उसको हमेशा उसके साथ रहना उसके बारे में सोचना है 


एक बैचेनी हो जाती है उसको उसके बाद लोग बोलते हैं बात है यदि उसे नौकरी करनी होती उसे किसी की बात माननी होती किसी के डिसीजन मानने होते तो वह उद्यमी नहीं बनता तो उसकी जो सोच होती है जो उसका डिसीजन मेकिंग होता है वह इंडीपेनडेंस होता है और धीरे-धीरे उसका सेल्फ कान्फीडेस भी इन चीजों के बारे में काफी अच्छा होता है उसको ज्यादा मेहनत करनी होती है 

उसके पास एनर्जी लेवल हाई होता है उसका विजन काफी महत्वपूर्ण होता है अगले 2 साल में वह कहाँ पर होगा उसका विजन काफी हाई होता है इन कंपेरीजन और लोगों के उसके बाद धीरे-धीरे जब यह करता है तो उसको कहीं न कहीं अपने बिजनेस प्लान से अपने इंटरप्राइज से सबसे प्यार हो जाता है जिसको हम लोग पैशन कहते हैं उसके बाद इन सब करने के लिए कहीं ना कहीं उसको इंटीग्रिटी मेंटेन करना होता है 


आप अपनी और अपने बिजनेस के किसी भी चीज को शुरू करने से पहले लीडरशिप, कैसे अपने ऑर्गेनाइजेशन को लीड करना है बहुत सारे लोगों के साथ क्योंकि यह एंटरप्योनोर सिस्टम है बहुत सारे लोगों से उसको निगोसियेट करना है और हमेशा आगे बढ़ना चाहते है, पीछे मुड़कर नहीं देखता है हमेशा आगे बढ़ना चाहता है तो मोटिवेशनल सकसीड है इतनी सारी चीजों को सोच रहे होंगे कि हम तो नहीं बन पाएंगे। 

मैं बता दें इन सब चीजों की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जो चीज अधिकतर हुई है वह एक सफल उद्यमी के ऊपर हुई है। जब भी बिजनेस की हम बात करते हैं तो पहली बार लोग पूछते हैं क्या आपके पास कोई बिजनेस प्लान है? बिजनेस प्लान में कोई महत्वपूर्ण चीज है, तो वह लक्ष्य है । लक्ष्य में एक चीज है पर्सनल इन्सपेरेशन, आप अपने बारे में सोचते है कि मैं क्या करना चाहता हू? 


मुझे पैसा कमाना है या मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं, जो भी मेरा एक अपना एंबीशन है मैं उसको प्राप्त करना चाहता हूँ। उसके बाद आपका जो बिजनेस का गोल है क्या यह जो दोनों चीजें हैं आपस में कंप्लीमेंट्री रिलेशनशिप रखते कि नहीं रखते हैं। जब मैं बिजनेस को शुरू करूंगा तो मेरी जो पर्शनल इन्सपेरेशन है वह पूरी होगी कि नहीं, इसके बारे में जरूर आपको सोचना होगा अब बात करते हैं कि जब आप एक बार प्रोसेस में आ जाते हो बिजनेस आइडिया की बारे में पूछते हो क्या कहां से होगा मार्केट रिसर्च करते हो और आपको लगा कि यह बहुत अच्छा है यह मेरे एरिया में जहां से मैं हूं वहां पर बहुत अच्छा काम कर सकता है कहीं गए और आपको लगा दीजिए बिजनेस आइडिया बहुत अच्छा है 


यह मेरे एरिया में जहां से मैं हूं वहां पर बहुत अच्छा काम कर सकता है हो सकता है इसका स्केल प्रॉफिटेबल हो सकता है। उसका स्केल बहुत बड़ा ना हो सके तो इसमें कोई बुराई नहीं है अपने एरिया में उसको शुरू कर दे परन्तु यहां पर जो इंपॉर्टेट चीज है वह है आइडिया।  आइडिया का श्रोत कुछ भी हो सकता है मगर जो यह जर्नी है, ये आपकी होगी यही एक बिजनेशमेन और एंटरप्योनोर को एक दूसरे से अलग करता है। एक बिजनेसमैन के पिताजी भी उसी चीज का बिजनेस कर रहे थे और उसका बच्चा जो है वह भी उसी चीज का बिजनेस शुरू कर दिया क्योंकि वह पिछले 50 साल से बिजनेस के बारे में जानते हैं तो कोई नई चीज नहीं है। 


मगर आपकी जो जर्नी है हर आदमी को अपनी जो स्टोरी है वह अपने आप में लिखनी है चलिए ऐसे समझते हैं हो सकता है मिस्टर अंबानी की स्टोरी में आपको बता दें कि उन्होंने यहां से शुरू किया फिर उन्होंने इस बिजनेस को किया फिर और इस बिजनेस को किया और आज इतने बड़े पैसे वाले बन गए, इसका तात्पर्य नहीं है कि वह स्टोरी पढ़ने के बाद आप भी उतने बड़े बिजनेसमैन बन पाएंगे, इसलिए हो सकता है कि किसी की आईडिया को आप कही से कॉपी करके अपने एरिया में यूज करना चाहे तो कर सकते है

 लेकिन किसी की जर्नी को आप कॉपी नहीं कर सकते हैं । जब आप एक बिजनेस आइडिया को किसी प्रॉब्लम्स को किसी के नीड्स को परसीव करते हो और आपके इन्नोवेटिव सॉल्यूशंस की बात करते हो तो हां कहीं ना कहीं आपको क्रिटिकल थिंकिंग की आवश्यकता होती है क्रिएटिविटी की आवश्यकता होती है और एक प्रॉब्लम सॉल्विंग स्टाइल है वह आप में होने चाहिए चलिए आइए सुनते हैं कुछ बहुत ही लोग जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इनोवेशन के क्षेत्र में लगा दी और सुनते हैं पद्मश्री प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता सर को उन्होंने खानी नेटवर्क बनाया और कई लाख इनोवेशन को इकट्ठा करके लोगों के साथ शेयर किया, दोनों ने एक बहुत ही अच्छी बात है 

पहले जैसे पहले भी बात किया कि एक पॉइंट है जहां से आप बिजनेस शुरू कर रहा है और एक और भी है जहां एक सक्सेसफुल ऑन तक पहुंच जाता है तो प्रोफेसर साहब ने भी जो बात की है वह स्टार्टर की ही बात की है कि जो अनमेट सोशल नेट है उसके बारे में आपको सोचना है और उसके बारे में आप एक इन्नोवेटिव सॉल्यूशंस लेकर के आना है और यूनिट्स है वह एक सेपरेट नहीं है एक दूसरे से कनेक्टेड है और हो सकता है 

कि आप एक प्रॉब्लम का सलूशन ले कर के आ रहा हूं बट वह प्रॉब्लम कई प्रॉब्लम से जुड़ी हुई हो तो आपको और जवाब बिजनेस शुरू करते हो तो आप अकेले नहीं होते हो बहुत सारी चीजें उससे जुड़ी होती हैं तो आपको एक इको सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता है और सर ने आपके लिए एक बहुत अच्छी बात कही है कि जो हनी भी नेटवर्क     

ने इतने सारे इनोवेशंस क्रिएटिव आइडिया को जो इकट्ठा किया है उसको भी आप देख सकते हैं उसके बारे में भी आप पढ़ सकते हैं वह आपके लिए ओपन एक्सेस है और वहां से भी आप आइडिया लेकर के कुछ बिजनेस शुरू कर सकते हैं । इसके बाद हम लोग सुनते हैं प्रोफेसर साहब को जिन्होंने न्यू टॉप माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज 40 साल का एक्सपीरियंस है, 


गौर से सुने उन्होंने कहा कि एक ऑन तक प्रयोग को ऑन होना चाहिए इंटेलिजेंट होना चाहिए जिसकी मैं बात कर रहा था कि उसकी क्रिटिकल थिंकिंग होनी चाहिए और कमिटेड होना चाहिए आपकी कमिटमेंट्स नहीं है तो हो सकता है कि आप सक्सेस ना हो और करेजियस उसमें कहीं मत की जो बात की वह भी काफी इंपोर्ट है सुनते हैं जो कि जमशेदपुर से हैं इनका भी अंतर से एरिया में बहुत बड़ा योगदान है हार्ड वर्क सेम चीज पहले प्रोफेसर मिश्रा साहब भी बात कर रहे थे कि कमिटमेंट्स की जो बात है और जब आप कोई नई चीज शुरू करते हैं डिफरेंट लिए आपको रिस्क लेना पड़ेगा बड़ा रिस्क बड़ा कैलकुलेट होता है 

जो एक उद्यमी को और एक जो गैंबलर है वह दोनों को एक दूसरे को जो अलग करता है वह केलकुलेटर इश्क और हाईवे से ही हम अलग करते हैं इसके अलावा उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में हो सकता है कि आपको अपने रिसोर्सेज यूज करने हो और बिजनेस आइडिया मार्केट रिसर्च से आती है तो इन दोनों की भी महारथी की आपको आवश्यकता है अब हम लोग डीएमआई के डीन प्रोफेसर नीरज कुमार से जानते यह क्या सोचते हैं कि हम कह सकते हैं कि जो एक मूल मंत्र वह कह आगे निकल कर के आना है वह जो कहीं ना कहीं सबसिस्टेंस फार्मिंग कर रहे थे अपने फार्मिंग को बिजनेस के रूप में देखने की आवश्यकता है

 तो आपका ऑन तत्व रिमाइंड सेट बहुत ही की अपनी सक्सेस इसलिए आप जो आपका लक्ष होना चाहिए वह बहुत देर राइट है यदि सही गोल है तो आप सही डेस्टिनेशन में पहुंचेंगे और यदि गोल आपका सही नहीं है कितना भी आप मेहनत कर ले कितना भी आप हार्ड वर्किंग ओं कितनी भी आपके कमिटमेंट्स हो आपका डेस्टिनेशन जो पहुंचने का है वह गलत ही होगा तो आपका राइट रोल बहुत इंपॉटंट है।